जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर ये कहा की वो चुनाव नही लड़ना चाहते तो उसके बाद एक साथ बीजेपी के तीन चेहरों पर मुस्कान आ गई है। बताया जा रहा है ऋषिकेश विधायक प्रेम चंद अग्रवाल, नरेंद्र नगर से सुबोध उनियाल और ओम गोपाल रावत तीनो ही खुश हैं। जहां पिछले लंबे समय से ये तीनों जो चाहते थे उन्हें वो एक चिट्ठी से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दे दिया। और अब बीजेपी के लिए भी तीन सीटों के लिए एक साथ मजबूत प्रत्यासी मिल गए हैं।
बताते हैं आपको क्या हो सकता है अब बीजेपी का समीकरण
बीजेपी विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल जो की ऋषिकेश विधायक हैं वो अब डोईवाला से लड़ सकते हैं, प्रेम चंद अग्रवाल पिछले लंबे समय से ये चाहते थे की उन्हें डोईवाला से टिकट मिले।वजह कई सारी थी, ऋषिकेश में उनके खिलाफ बहुत नाराजगी चल रही है, और डोईवाला में बनिया वोट अच्छे खासे हैं।अब उनको डोईवाला से बीजेपी लड़ा सकती है।
फिर बारी आती है कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की, सुबोध उनियाल शायद सबसे ज्यादा खुश होंगे त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस फैसले से, सुबोध उनियाल को लेकर नरेंद्र नगर विधानसभा में बहुत ज्यादा विरोध है और अब सुबोध उनियाल ऋषिकेश से लड़ सकते हैं। भले ऋषिकेश में उन्हें टक्कर मिले लेकिन उनको नरेंद्र नगर विधानसभा से काम चुनौती ऋषिकेश में मिलेगी। पार्टी उन्हें अब ऋषिकेश से लड़ा सकती है।
आखिर में बात करते हैं ओम गोपाल रावत की, ओम गोपाल रावत लंबे समय से बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन बीजेपी उन्हें टिकट नही दे पा रही थी क्योंकि मौजूदा विधायक और कैबिनेट मंत्री का टिकट काटना पार्टी के लिए आसान नही था।दूसरी तरफ ओम गोपाल रावत नरेंद्र नगर से बहुत ज्यादा मजबूत प्रत्यासी माने जा रहे हैं, और वो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में उतरने जा रहे थे, और आंकड़ों की माने तो वो जीत भी रहे थे, और इसी का दर सुबोध उनियाल को भी था।लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत के ना लड़ने से सुबोध उनियाल ने जहां राहत की सांस ली होगी तो पार्टी ने भी अब ओके गोपाल को लड़ाने की तैयारी कर ली होगी।