![](https://www.pahadisemwal.com/wp-content/uploads/2021/12/Screenshot_2021-12-17-11-07-32-82_99c04817c0de5652397fc8b56c3b3817-1024x558.jpg)
वन प्रभाग के अंतर्गत पवलगड़ वन विश्राम गृह एवं देचोरी वन रेंज परिसर की सीमा के अंतर्गत स्थित सूक्ष्म सिंचाई नहर के 100 मीटर खंड पर 5 किलोवाट क्षमता का सरफेस हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन विद्युत संयंत्र स्थापित किया गया है। जिससे वन विश्राम गृह पवलगढ़ एवं रेंज परिसर देचोरी विद्युत आपूर्ति को लेकर आत्मनिर्भर हो गया है. यह प्रयास उत्तराखंड में नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी तरह का एक अलग प्रयास है, जो वन विभाग कर रहा है.राज्य को बड़े-बड़े हाइड्रोपावर जो खतरा होने की संभावनाएं हैं, वह इस प्रोजेक्ट में नगण्य हैं। सिंचाई नहरें सदियों से चली आ रही हैं। उसी के ऊपर इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है। अगर यह कॉन्सेप्ट सफल हो जाता है तो गांव भी अपनी टरबाइन रखकर सिंचाई नहरों से बिजली उत्पन्न कर सकेंगे. इससे पानी की कमी भी नहीं होती है।
![](http://www.pahadisemwal.com/wp-content/uploads/2021/12/IMG_20211217_110617-1024x552.jpg)
सिंचाई नहर में नहर के पानी के फ्लो से टरबाइन की ब्लेड चलती है। वन विभाग के मुताबिक पोलगढ़ में तीन टरबाइन लगी हैं। एक टरबाइन की क्षमता 5 किलोवाट है। बता दें उत्तराखंड के वन जल संसाधन में अत्यधिक समृद्ध हैं, जो जल विद्युत उत्पादन का अक्षय स्रोत है। लेकिन इसके बावजूद भी उत्तराखंड वन विभाग बिजली के आयात पर अत्यधिक निर्भर है। वर्तमान तक वन क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित वन चौकियों/ विश्राम ग्रह में सोलर सिस्टम के माध्यम से बिजली व्यवस्था व सोलर फेंसिंग कर सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। अब विकल्प के रूप में सरफेस हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन संयंत्र के माध्यम से उन क्षेत्रों में जिन के निकट जलधारा छोटी नहरे स्थित हैं, वहां बिजली उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है।स्वदेशी फ्लोटिंग हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन प्रौद्योगिकी जिसे सरफेस हाइड्रोकाइनेटिक टरबाइन कहा जाता है। कम से कम 0.5 मीटर/ सेकंड वेग और 0. 2 मीटर चलने वाली जलधारा से निर्बाध बिजली उत्पन्न कर सकती है। यह पेटेंट एसएचके टरबाइन प्रौद्योगिकी 500 वाट से 500 किलोवाट तक के मॉड्यूलर साइज में बन सकती है। इसे व्यक्तिगत मॉड्यूल के रूप में या मेगावाट पैमाने पर वितरित हाइड्रोकेनेटिक पावर प्लांट के रूप में दो या कई सरफेस हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन को एक साथ स्थापित किया जा सकता है। सरफेस हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन का उपयोग दूरस्थ स्थित वन चौकियों वन विश्राम ग्रहों के साथ-साथ उन सभी किसानों, ग्रामीणों एमएसएमई टाउनशिप आदि को ऊर्जा स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए हाइब्रिड सिस्टम या ग्रिड कनेक्टेड सिस्टम के रूप में भी किया जा सकता है।
![](http://www.pahadisemwal.com/wp-content/uploads/2021/12/IMG_20211217_110541-1024x558.jpg)