आज से प्रदेश में नेत्र पखवाड़े की शुरुआत हुई है और 15 दिन तक चलने वाले इस पखवाड़े में स्वास्थ्य विभाग ने जहां एक लाख लोगों का निशुल्क मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा है तो इसके साथ ही उन्हें फ्री में चश्मा भी दिया जायेगा. वहीं इस कार्यक्रम की शुरूआत स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने देहरादून के नगर निगम प्रेक्षागृह में किया वहीं इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की उस टीम से एक बड़ी गलती हो गई जिससे कंधे में इस पूरे कार्यक्रम का जिम्मा है. वैसे तो यह कोई बड़ी गलती नही है लेकिन इसे छोटी गलती भी नही कहा जा सकता. कार्यक्रम में विभाग द्वारा एक बुकलेट बांटी गई जिसमें विभाग और कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी. लेकिन उस बुकलेट के शुरुआती पेज में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जगह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तस्वीर और उनके द्वारा कही गई बात लिखी गई थी. यही नही इसको बकायदा प्रेक्षागृह में बैठे आम लोगों और मीडिया कर्मियों को भी बांट दिया गया. वहीं जब तक विभाग के आला अधिकारियों को इस गलती का पता चला तब तक मामला हाथ से जा चुका था.
इस मामले के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सचिव व निदेशक एनएचएम डॉ आर राजेश कुमार ने कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है. यह नोटिस एन.एच.एम सरोज नैथानी, टीम लीडर आई.ई.सी एन.एच.एम ज्योति एवं नेत्र विशेषज्ञ एन.एच.एम डॉक्टर अर्चना को जारी किया गया है. नोटिस में पूछा गया है कि आखिर सामग्री का वितरण किए जाने से पहले विभागीय सचिव का अनुमोदन प्राप्त क्यों नहीं किया गया.
सबसे बड़ी बात यह है की आखिर यह गलती हो कैसे गई? क्योंकि बुकलेट कई आंखों के सामने से होकर गई होगी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल को खत्म हुए लगभग डेढ़ साल का वक्त हो चुका है और उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार सीएम का पद भी संभाल चुके हैं, तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या यह गलती जानबूझ की गई है? ताकी उस उच्च अधिकारी जिसकी छवि बहुत अच्छी है जो लगातार विभाग के लिए अच्छा काम कर रहा है उसकी छवि को सीएम धामी के सामने खराब किया जा सके.