बरसात के मौसम में किसी भी तरह की आपदा की संभावनाओं से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन बरसात से पहले ही तैयारियां शुरू कर लेता है भूस्खलन सभावित क्षेत्रो में सड़के खुलवाने के लिए संबंधित विभागों को जेसीबी मशीनें तैनात करने के निर्देश दिए जाते हैं मॉक ड्रिल भी की जाती है और फिर प्रशासन दावे करता है कि हर प्रकार की बरसात और उससे होने वाले नुकसान से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन और सम्बंधित विभाग पूरी तरह मुस्तैद है लेकिन बरसात आते आते प्रशासन के दावे फेल साबित होते नजर आते हैं.
मामला रविवार सुबह ग्वालदम कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग का है जहां देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश से राजमार्ग पंती,नलगांव आमसौड़ समेत हरमनी में मलबा आने से बाधित हो गया बीआरओ प्रशासन जहां एक ओर कर्णप्रयाग की ओर से सड़क को खुलवाने में जुटा था वहीं दूसरी ओर थराली की ओर से हरमनी में सुबह 7 बजे से सड़क खुलने का इंतजार कर रहे यात्रियों को भूखे प्यासे दोपहर एक बजे तक सिर्फ जेसीबी मशीन के ही आने का इंतजार करना पड़ा
किसी को अपने घर तो किसी को इलाज के लिए अपने सफर पर आगे बढ़ना था लेकिन भूस्खलन स्थल पर सुबह 7 बजे से फंसे इन यात्रियों की सुध लेना तो दूर सड़क खुलवाने के लिए बीआरओ प्रशासन की जेसीबी मशीन भी समय पर नहीं पहुंच सकी जबकि जिला प्रशासन के सख्त निर्देश हैं कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में हर हाल में यात्रियों की सुगम आवजहि के लिए जेसीबी मशीनें तैनात की जाए लेकिन थराली कर्णप्रयाग राजमार्ग पर सड़क खुलवाने के लिए सुबह ग्वालदम से चली मशीन दोपहर 1 बजे तक भूस्खलन स्थल पर पहुंची हालांकि इस समय तक उपजिलाधिकारी थराली के मौके पर पहुंचने के बाद दूसरी मशीनों से सड़क खुलवाने का कार्य शुरू किया गया
थराली से मोहन गिरी