शिक्षा विभाग में प्रमोशन में एक बड़े घपले का खुलासा हुआ है। खुलासे के तहत 10 साल की सेवा से पहले प्रमोशन होने के बावजूद कई शिक्षक चयन वेतनमान का लाभ ले रहे।
मामला पौड़ी के डुकड़ा ब्लॉक में सामने आया जहां पर ऐसे कई शिक्षक चिन्हित हुए हैं जिन्होंने पहले तो प्रमोशन लेने से मना कर दिया और उसके बाद तथ्य छिपाकर चयन वेतनमान का लाभ ले लिया।
दैनिक हिंदुस्तान में छपी खबर के अनुसार मामला पौड़ी के डुकड़ा ब्लॉक में सामने आया है, शिक्षा विभाग को प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर ऐसे के सामने की आने की आशंका है शिक्षा निदेशालय ने इस मामले में जांच बिठा दी है, अपर बेसिक शिक्षा निदेशक मुख्यालय एसपी खाली ने कहा है कि कानून रूप से या बेहद गंभीर मामला है।
आपको बताते हैं क्या कहता है नियम
शिक्षक और कर्मचारी को प्रमोशन और प्रमोशन ना होने की स्थिति में चयन प्रोन्नत वेतनमान की सुविधा दी जाती है यदि शिक्षक को प्रमोशन का अवसर नहीं मिल पाता है तो उसे 10 साल की सेवा पूरी करने पर एक चयन वेतनमान मिलता है उसके बाद 12 साल की और सेवा पूरी करने पर प्रोन्नत वेतनमान का लाभ मिलता है इसके साथ ही शर्त यह भी है कि 10 साल की सेवा से पहले प्रमोशन हो जाता है तो फिर चयन वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा।