उत्तराखंड में प्राथमिक अध्यापक की भर्ती के विज्ञापनों का दौर जारी है परंतु धरातल पर अध्यापकों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पा रहे लगातार अपने विज्ञप्ति के लिए धरना दे रहे डाइट प्रशिक्षित एक भी व्यक्ति नियुक्ति पर नहीं लग सका है 2020 में जारी विज्ञापन के अनुसार 2200 पदों पर विज्ञप्ति निकाली गई थी जिस पर नियुक्ति के लिए 1 सितंबर को हाईकोर्ट ने राहत दी थी और तब शिक्षा मंत्री ने निदेशालय जाकर 20 दिन के अंदर सभी को विद्यालय में नियुक्त करने का आश्वासन भी दिया था परंतु डेढ़ माह बीतने के बाद भी एक भी व्यक्ति को अभी तक नियुक्ति नहीं दे पाए हैं एक तरफ सरकार जहां कोर्ट में अध्यापक ना होने की असमर्थता जता चुकी है वहीं दूसरी तरफ विभाग द्वारा किसी को भी नियुक्ति ना देना यह हास्यास्पद लगता है डाइट प्रशिक्षित जितेंद्र नैनवाल का कहना है कि सरकार ने 2020 की भर्ती अभी तक आरंभ भी नहीं की और किसी व्यक्ति को नियुक्ति नहीं मिली अब ऐसे में नई विज्ञापन जारी होगा जिसमें यह सभी प्रशिक्षित दोबारा से आवेदन करेंगे जिससे अध्यापकों के रिक्त पद हमेशा बने रहेंगे उक्त संबंध में निदेशालय स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही जबकि प्राथमिक विद्यालयों के , छात्रों को अध्यापक मिल ही नहीं रहे ऐसे में प्रशिक्षित बेरोजगारों की स्थिति दयनीय हो चुकी है और सरकार को अब विज्ञापन से नहीं बल्कि नियुक्ति से इस कमी को पूरा करना होगा जबकि शिक्षा मंत्री द्वारा डाइट प्रशिक्षकों को 20 दिन के अंदर नियुक्ति का आश्वासन 1 सितंबर को मिला था परंतु अभी तक डेढ़ माह बीतने पर भी नियुक्ति नहीं मिलने से सभी प्रशिक्षित हताश एवं निराश हैं जबकि एक अन्य विज्ञापन अलग से जारी किया जाने वाला है परंतु स्थिति जस की तस है एक तरफ पहले से आवेदन के लिए प्रशिक्षित नियुक्ति नहीं ले सके वहीं दूसरी तरफ नए विज्ञापन में इन्हीं का दोबारा आवेदन करना विज्ञप्ति की सार्थकता पर सवाल खड़े करता है जबकि निदेशालय स्तर पर भी कोई संतुष्ट जवाब अभी तक नहीं मिला डाइट प्रशिक्षित ओं का प्रतिनिधिमंडल निदेशालय में गया जहां से उन्हें हताशा ही मिली मात्र शीघ्र नियुक्ति का आश्वासन ही प्राप्त हो रहा है अब ऐसे में इन diet प्रशिक्षित का भविष्य कितनी जल्दी प्राथमिक अध्यापक में बदलेगा यह देखना दिलचस्प है क्योंकि इस भर्ती के लिए उन्होंने 5 बार आंदोलन किया