छावला दुराचार कांड की पीड़िता उत्तराखंड निवासी ‘अनामिका’ के माता-पिता पिछले लंबे समय से इस बात का इंतजार कर रहे थे की कब उन दोषियों को सज़ा मिलेगी, जिन्होंने उनकी बेटी के साथ जघन्य अपराध किया था। लेकिन उनका इंतजार खत्म होता नजर नही आ रहा है, अब सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को रिहा कर दिया है।
वहीं दोषियों की रिहाई के बाद ‘अनामिका’ के माता-पिता ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से भेंट की. और पत्र के माध्यम से अपनी पीड़ा उन तक रखी। हाल ही में तीनो दोषियों को मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा कर दिया गया है। इस मामले में पुनर्विचार याचिका का अनुरोध किया गया। छावला कांड 2012 में घटित हुआ। इस मामले में दिल्ली सरकार पक्षकार है। इसलिए उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह ‘अनामिका’ मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करे , ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।