
ग्रीष्म काल के लिए भगवान बद्री विशाल के कपाट खुल चुके हैं और भगवान बद्री विशाल के दर पर भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें भी लग गई है। हर कोई भगवान बद्रीनाथ के दर्शन एक बार करना चाहते हैं।
वहीं इस बार भगवान बद्रीनाथ के दर पर कुछ ऐसा हुआ है जिसे तीर्थ पुरोहित बहुत शुभ मान रहे हैं, और देश के लिए भी इसे शुभ संकेत बताया जा रहा है।
कपाट खुलने के बाद एक ऐसी बात हुई जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। कपाट खुलने के बाद जब देखा गया तो भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाए गए घृत कंबल पर इस बार भी घी ताजा मिला। बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि घृतकंबल पर घी ताजा मिलने का अभिप्राय यह है कि देश में खुशहाली बनी रहेगी। बीते वर्ष भी कंबल पर लगा घी ताजा था। बाहर इतनी बर्फबारी के बाद ठंड होने के बाद भी अगर घी सूखता नहीं है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।धार्मिक परंपराओं के अनुसार, कपाट बंद होने पर भगवान बदरीनाथ को घी में लिपटा कंबल ओढ़ाया जाता है।
भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकालीन के दौरान 6 महीने के लिए बंद हो जाते हैं इस दौरान घी लगा हुआ कंबल भगवान को लपेटा जाता है।

वहीं मान्यता है कि जब 6 महीने तक शीतकाल के दौरान भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद रहते हैं, तो उस दौरान भगवान बद्री विशाल की पूजा खुद देवता करते हैं। भगवान बद्री विशाल की पूजा करने का अधिकार देवताओं का होता है और इस दौरान देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में नारद मुनि भगवान बद्री विशाल की पूजा करते हैं। और माता लक्ष्मी उनकी सेवा करती हैं।

