OTA चेन्नई से कमीशन प्राप्त कर देहरादून के प्रांजल का अंत बने भारतीय सेना में अफसर,
इनकी शिक्षा स्कॉलर्स होम स्कूल से हुई तथा ग्राफिक ऐरा अकादमी से बीटेक की डिग्री प्राप्त की है।इनके पिता आर के सिंह ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री में कार्यरत है माता गृहणी है। लेफ्टिनेंट प्रांजल कांत सिंह अपनी ट्रेनिंग अकादमी में बॉक्सिंग कैप्टन एवम फिजिकल ट्रेनिंग कैप्टन रहे।अकादमी में हर खेल एवं अन्य एक्टिविटी में बड़ चड़ कर हिस्सा लिया।और उत्तराखंड का नाम रोशन किया।लेफ्टिनेंट प्रांजल के दादा भी सेना में देश का नाम रोशन कर चुके है।ब्रिटिश इंडिया आर्मी में प्रांजल के दादा ने रॉयल इंजीनियर में अदम्य साहस का परिचय देते हुए दितीय विश्व युद्ध में युद्ध लडा और अपनी वीरता के लिए ब्रिटिश सेना के दो मेडल द्वितीय विश्व युद्ध के लिए प्राप्त किए इनमें से एक war diffence मेडल प्राप्त किया और दूसरा मेडल war medal प्राप्त किया।लेफ्टिनेंट प्रांजल का कहना है की वही उनकी प्रेरणा के श्रोत है।इनका कहना है कि सेना में अफसर बनने के इस पूरे सफ़र में इनके परिवार ने हमेशा इनका हौसला बड़ाकर रक्खा । सेना के प्रति बचपन से ही लगाव रहा कड़ी मेहनत और अनुशासनात्मक दीन चर्या को यह सफलता की कुंजी मानते है।परिवार में सभी को प्रांजल के सेना में अधिकारी बनने पर गर्व है।