पिछले लंबे समय से कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी है कि खुलकर नजर आती हैं और यह गुटबाजी है कि खत्म होने का नाम ही नही ले रही है, और पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह यह गुटबाजी भी है और इसकी वजह से ही कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनाव हार चुकी है.
वहीं जिस व्यक्ति ने भी कांग्रेस को थोड़े से नजदीक से देखा है वह कांग्रेस की हार की कई वजहों में से सबसे बड़ी वजह इस गुटबाजी को ही मानता है. वैसे भी पार्टी के अंदर की गुटबाजी समय-समय पर दिखती रहती है. एक वक्त था जब कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज थी और एक आज का वक्त है जब कांग्रेस प्रदेश में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. वहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच की गुटबाजी है कि आम कार्यकर्ताओं को भी परेशान करती है वह कार्यकर्ता जो कांग्रेस के लिए बूथ स्तर पर काम कर रहा है लेकिन बड़े नेता हैं की सोशल मीडिया पर अपने बयानों के लिए ज्यादा नंबर बटोर रहे हैं. आज स्थिति यह है की कांग्रेस के बड़े नेता सोशल मीडिया पर खुलकर एक दूसरे के खिलाफ लगातार लिखते जा रहे हैं. बड़े नेताओं का एक दूसरे पर हमला सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि कई बार यह भी देखने के लिए मिला है कि बड़े नेता एक दूसरे से मंच साझा करने पर भी दूरी बनाकर रखते हैं,और इसकी वजह से ही खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा की बड़े नेताओं की बयानबाजी से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है, और बड़े नेताओं को बयान देने से बचना चाहिए. वहीं अब कांग्रेस वरिष्ट नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा की
हमारा आशिर्वाद करन माहरा को हमेशा है, वह हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं. दूसरी तरफ उन्होंने करन माहरा को सलाह देते हुए कहा कि वह इन बातों से परेशान ना हों, जो अच्छी सेना होती है वो दुश्मन से लड़ने से पहले अपने घर पर भी तैयारी करती है.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के इस बयान से यह आशंका जरूर लगाई जा सकती है कि आने वाले दिनों में भी हरीश रावत सोशल मीडिया पर इसी तरह से लगातार लिखते रहेंगे.