देशभर में हर दिन सैकड़ों हादसे होते हैं और जिनमें कई लोगों की मौत भी हो जाती है, वहीं ऐसे कई लोग होते हैं जो घायल लोगों की सहायता करते हैं, वैसे पिछले कई सालों तक आम लोग सड़क हादसे में घायल व्यक्तियों की मदद करने से डरते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि कौन पुलिस की झंझट में फंसेगा, फिर कोर्ट-कचहरी की भागदौड़ भी करनी पड़ेगी. लेकिन इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था और एक कानून के तहत अब कोई भी व्यक्ति जो घायल लोगों की मदद करता है उनसे कोई भी पूछता बिना उनकी इजाजत के बिना भी उनसे पूछताछ नही की जा सकती है. जिसके बाद लोगों का मदद करना और बढ़ गया है. वहीं अब जाकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बड़ी शुरुआत की है इस शुरुआत के तहत आप अगर सड़क हादसे में किसी गंभीर व्यक्ति की मदद करते हैं तो आपको 5 लाख की गुड स्मार्टयन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं
अब केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने सड़क हादसे की परिभाषा को भी बदल दिया है जिसके तहत हादसे में घायल व्यक्ति की अगर मेजर सर्जरी करनी पड़ती है, या फिर कम से कम वह 3 दिन तक हॉस्पिटल में एडमिट रहता है, उसे ब्रेन इंजरी होती है, रीड की हड्डी टूटती है तो ही उसे सड़क हादसा माना जाएगा