पंजाब प्रान्त के नवांशहर, पठानकोट व लुधियाना आदि में हुए आतंकी विस्फोट की घटनाओं के सम्बन्ध में गोपनीय इनपुट पर उत्तराखंड एस0टी0एफ0 द्वारा राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मार्गदर्शन में किया गया । जिस पर कार्यवाही करते हुए एस0टी0एफ0 की विभिन्न टीम ने उधम सिंह नगर स्थित थाना पन्तनगर क्षेत्रान्तर्गत 04 लोगों की गिरफ्तारी की गयी, जिनके द्वारा पठानकोट नवांशहर लुधियाना ब्लास्ट के आतंकी साजिशकर्ता सुखप्रीत उर्फ सुख को जनपद उधम सिंह नगर में शरण दी जा रही थी।
गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर माह में पंजाब के पठानकोट व नवांशहर व लुधियाना में बम ब्लास्ट की घटनाएं हुई थी, जिसमें पंजाब पुलिस द्वारा पूर्व में 06 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है तथा एक आरोपी सुखप्रीत उर्फ सुख के उत्तराखंड में संश्रय (शरण) लिये जाने की विश्वसनीय गोपनीय सूचना उत्तराखंड एस0टी0एफ0 को मिली थी, जिस पर उत्तराखंड एस0टी0एफ0 की विभिन्न टीमों द्वारा पिछले करीब 03 दिनों से लगातार कार्य करते हुए तथा सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने एवं गोपनीय रूप से जानकारी करने के उपरान्त 04 लोगों शमशेर सिंह उर्फ शेरा उर्फ साबी व उसके भाई हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, अजमेर सिंह उर्फ लाडी मण्ड तथा गुरपाल सिंह उर्फ गुर्जर ढिल्लों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये चारों लोगों में से शमशेर उर्फ शेरा के कब्जे से एक पिस्टल 32 बोर बरामद की गयी है तथा इनके द्वारा इस अपराध में इस्तेमाल की जा रही कार फोर्ड फिगो को भी बरामद किया गया है। जिनके द्वारा पंजाब में आतंकी बम ब्लास्ट के आरोपी सुखप्रीत उर्फ सुख को अपने घर में शरण देकर और लाने ले जाने के लिये उपरोक्त कार को प्रयोग में लाया जा रहा था।
पकड़े गये चारों व्यक्ति कनाडा ऑस्ट्रेलिया, सरबिया से इन्टरनेट/व्हाट्सअप कॉल से जुड़े थे, और जिन्हें इन्ही कॉल के माध्यम से विदेशों से संचालित किया जा रहा था। फरार आरोपी सुखप्रीत उर्फ सुख के भी इंटरनेशनल कॉल्स के सम्पर्क में होने की पुष्टि हुई है। पकड़े गये चारों व्यक्तियों के खिलाफ आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुखी को अपने घर में संश्रय (शरण) देना और मदद करना तथा साजिश के तहत थाना पंतनगर, जिला उधम सिंह नगर में एस0टी0एफ0 द्वारा दर्ज कराया गया है। इन लोगों को अर्श के द्वारा ही संचालित किये जाने की पुष्टि हुई है। अभियुक्तों से प्राप्त जानकारी को विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों एवं राज्य पुलिस से साझा किया जा रहा है तथा राष्ट्र हित को देखते हुए अन्य जानकारी गोपनीय रखा गया है।