मेरे भाई भी यहीं पड़े उत्तराखंड की भूमि के साथ हमारा पुराना नाता है।
मेरे पिताजी मेरे चाचा जी मेरे भाई और मैं खुद यहीं से पड हैं।
उसको देख कर खुश होते हैं हम हमेशा से यहां के प्रकृति और सुंदरता को देखकर खुश होते थे।
लेकिन आज देवभूमि जिस तरह की सरकार चल रही है उसको देखकर दुख होता है, उन्होंने जितने बड़े-बड वादे अब ऐसा लगता था कि चलो कुछ आगे हो सकता है लेकिन इस सरकार ने जितने बड़े-बड़े वायदे किए उसमें से कुछ भी नहीं किया।
5 सालों में जहां जहां मैं जाती हूं वहां बोलते हैं सभी कि पिछले 5 सालों में कुछ नहीं किया गया जो वायदे किए गए थे वह टूटे हैं। हां हमारी सरकार के दौरान जो काम हुआ था आज वही दिखाई दे रहा है।
इस सरकार में जितना पैसा जितना धन विज्ञापनों में मैं दिख रहा है सिर्फ विज्ञापनों में ही पैसे खर्च हो रहे हैं लेकिन आपके लिए पैसे खर्च करने के लिए, इनके पास है नहीं।
आपसे इन्होंने डबल इंजन की बात कही लेकिन हालात आज यह है कि इनका ही डबल इंजन ठप हो गया है।
आप जानती हैं कि कुछ भी हो महिला के पास महिला हर बोझ को उठाती है महिला के पास बहुत ज्यादा मौके नहीं होते हैं।
जब राजनीतिक पार्टी बात करती हैं तो महिलाओं की बात नहीं करती हैं।
5 घंटे क्या आपको पता क्यों उत्तराखंड में हर 5 घंटे में एक महिला के साथ अत्याचार होता है। पहाड़ी जिलों में कितनी मुश्किल होती है स्वास्थ्य सेवाओं को मिलने पर।
क्या किया इस सरकार ने आज आपके लिए क्या किया महिलाओं के लिए।
उत्तराखंड में तमाम महिलाएं आज बेरोजगार हैं। आशा कार्यकत्रियों का मानदेय तक आज तक नहीं बढ़ाया गया है।
उत्तर प्रदेश में भी बहने खूब परेशान हैं, उनके उपर अत्याचार होता है। जब वह आवाज उठाती है तो उन्हें पीटा जाता है उन्हें जेल में डाला जाता है उनके ऊपर रासुका लगाया जाता है।
यह सरकार आपको कभी नहीं बताएगी कि रोजगार कैसे देंगे यह आपको यह नहीं बताएंगे कि 5 साल में आपको कितना रोजगार दे चुके हैं, क्योंकि इन्होंने रोजगार दिया ही नहीं है।
आपके जीवन में पिछले 5 सालों में भाजपा सरकार के दौरान आप आगे बढ़ पाए?
मीडिया में नहीं देखेंगे, उन्होंने क्या किया उन्होंने अपने लिए दो हवाई जहाज खरीदे मीडिया में उनकी आलोचनाएं होती नहीं है। इसलिए आपको पता भी नहीं चलेगा।
कोविड-19 के दौरान हमारा दिल्ली में उत्तर प्रदेश के जो प्रवासी थे उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया।
हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा ऑक्सीजन पैदा करता है लेकिन जब उन्हें जरूरत थी तब आपने सिर्फ उसका निर्यात किया तो वैक्सीन का निर्यात किया।
कोई सुविधा नहीं सिर्फ महंगाई बढ़ रही है, आप कुछ खरीदना चाहते हैं तो वह खरीद नहीं सकते। अपने बच्चों को आप पढ़ा नहीं सकते, किसान अपने लिए कुछ कर नहीं सकता।
बड़े बड़े उद्योगों को सिर्फ बेचा जा रहा है वह भी कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों को जो प्रधानमंत्री के करीबी दोस्त हैं।
आज हीरे का दाम कम हो गया है और दवा का दाम बढ़ गया है।
आज सिलेंडर हजार रुपए का हो गया है पहाड़ों में जाते जाते वह 2000 का हो जाता है।
आज अपने हाथ को मांगने के लिए ही संघर्ष करना पड़ता है।