
उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग पब्लिक सेक्टर के साथ मिलकर प्रदेश भर में कई सारे पीपीपी मोड में अस्पतालों को चला रहा है, वहीं पीपीपी मोड में चलने वाले अस्पतालों में आम लोगों को कई सारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है… जहां मरीजों से अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ठीक से बात नहीं करते हैं इसके साथ ही डॉक्टरों का व्यवहार भी मरीजों के लिए सही नहीं होता है और इसकी शिकायतें पिछले लंबे समय से सामने भी आ रही हैं… वहीं अब इसकी तरफ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड ने भी गंभीरता दिखा दी है… राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि ऐसी शिकायतें पिछले लंबे समय से मिल रही थी इसे देखते हुए अब हमने भी इसे गंभीरता से ले लिया है…हमने वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट के तहत कई मोड्यूलस भी बनाए हैं.. उसके तहत अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों को हम जल्द ही ऐसी ट्रेनिंग देने जा रहे हैं जिससे वह मरीजों और मरीजों के तीमारदारों से सही से व्यवहार करें…कैसे उनके व्यवहार को अच्छा बनाए कैसे व्यवहार को ज्यादा से ज्यादा मधुर रखें इसका ट्रेनिंग अस्पताल के सभी कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर के माध्यम से देने जा रहे हैं.