प्रदेश सरकार ने कोटद्वार को लंबे समय बाद नगर निगम बना दिया. और वहां के लोगों को लगा अब स्थानीय लोगों को सुविधाएं भी ज्यादा मिलेंगी. लेकिन आज हालत कुछ और ही नजर आ रहे हैं. कोटद्वार नगर निगम को बने दो साल का वक्त होने जा रहा है लेकिन नगर निगम पूरी तरह अस्तित्व में नहीं आ पाया है। जिस कारण नगर निगम का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है। नगर निगम ने लोगों के घर से कूड़ा उठाने के लिए बकायदा गाड़ियां भी लगा रखी है और कई स्थानों में कूड़े के कंटेनर भी लगा रखे हैं. वहीं नगर निगम ने अचानक से वार्ड नंबर 31 से कूड़े का कंटेनर हटा दिया जिससे वहां के स्थानीय लोगों में इसके लेकर आक्रोश बढ़ गया और देखते ही देखते पार्षद के नेतृत्व में लोगों ने अपने घऱ का कूड़ा को नगर निगम कार्यालय के बाहर फेंक दिया और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।