कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मथुरादत्त जोशी ने जैसे ही पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया उसके बाद हमने मथुरादास जोशी से बातचीत की आखिर इस्तीफा देने की क्या वजह रही।
जिसके बाद मथुरादत्त जोशी ने कई बातें रखी जिसमें सबसे ज्यादा नाराजगी उनकी इस बात को लेकर थी कि कांग्रेस के प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं ने एक नारी का अपमान किया।
जोशी बताया कि मेरी पत्नी ने टिकट की दावेदारी की थी, वह पिछले लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ी हुई है। वहीं उन्होंने जब टिकट की दावेदारी की तो उसके बाद उन्होंने पार्टी के हर बड़े नेता से मुलाकात की, सभी से गुजारिश की कि उनको टिकट दिया जाए। बावजूद इसके उन्हें टिकट नहीं दिया गया, क्या यही सम्मान रह गया है नारी का कांग्रेस पार्टी में। हर बड़े नेता के दरवाजे में मेरी पत्नी गई।
आगे मथुरादत्त जोशी ने बताया कि जैसे ही यह बात मीडिया में सामने आई की जोशी नाराज चल रहे हैं तो उसके बाद किसी भी बड़े नेता ने मुझसे बात करने के बारे में नहीं सोचा। मैं लगभग पिछले 5 दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। जैसी भी परिस्थिति रही हो हमेशा पार्टी के लिए खड़ा रहा। बावजूद जब मैं नाराज हुआ तो ना प्रीतम सिंह ने ना गणेश गोदियाल ने ना ही हरीश रावत ने किसी भी बड़े नेता ने एक बार भी मुझसे बात करने के बारे में नहीं सोचा यह पूछने की कोशिश नहीं की की आखिर क्यों मथुरादत्त जोशी नाराज है। जबकि मैंने इन सभी बड़े नेताओं के साथ काम किया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मेरे घर में आए उन्होंने मुझसे बात कि मुझे समझाया जिसके बाद मै दो दिन तक पार्टी कार्यालय में भी बैठा लेकिन अन्य बड़े नेताओं की बेरुखी से मुझे बहुत दुख हुआ जिसमें बाद मैंने यह बड़ा फैसला लिया।
ऐसा ही कुछ पूर्व में भी कांग्रेस के इन बड़े नेताओं द्वारा पार्टी के लिए काम करने वाले जुझारू कार्यकर्ताओं के साथ भी किया गया है। जिसकी वजह से लगातार कई अच्छे कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी को छोड़ दिया है।
आगे जोशी ने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा नाराजगी इसी बात को लेकर है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने एक महिला का सम्मान भी नहीं किया।