उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश सरकार और अन्य का विषयों पर सवाल खड़े करते रहते हैं। इसके साथ ही कई बार पद यात्रा भी करते हैं अपनी पद यात्रा में वह उन विषयों को उठाते हैं जो विषय प्रदेश से जुड़े हुए हैं। और एक बार फिर से हरीश रावत पदयात्रा करने जा रहे हैं हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक लंबा पोस्ट लिखा है और इस बार की पदयात्रा की वजह भी बताई है।
उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन और और उत्तराखंड सबोर्डिनेट पब्लिक सर्विस कमीशन और दूसरे जितने भी परीक्षा लेने वाले बोर्ड बनाए गए थे उनकी गतिविधियां शांत प्रायः हो गई हैं। पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने नये कलेवर के साथ कुछ जोश दिखाया, अब वह जोश भी ठंडा पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कई प्रमुख परीक्षाएं तो ऐसी हैं जिनको आयोजित हुए 1 वर्ष बीतने जा रहा है, लेकिन परीक्षा फल कहीं निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। नौजवानों में बेचैनी है। आप उन नौजवानों की डर से विधानसभा के सत्र को फुल प्रूफ बनाने की रिहर्सल तो कर सकते हो, लेकिन परीक्षा फल निकलवाने की कोशिश करती सरकार दिखाई नहीं दे रही है और दिखाई भी क्यों दे? भला भाजपा सत्ता में कोई रोजगार के प्रश्न पर, महंगाई या भ्रष्टाचार रोकने के प्रश्न पर आई है? वह जिस प्रश्न पर सत्ता में आए हैं उस पर खूब ध्यान लगाकर काम कर रहे हैं, बाकी बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला सम्मान आदि ये सारे प्रश्न तो विपक्ष के लिए हैं। विपक्ष धर्म निभाने के लिए मेरे पास एक हथियार “मौन उपवास” का है। लेकिन बेरोजगारी का दंश राज्य में इतना बड़ा है कि, मैं सोचता हूं कि दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अपना पहला फिटनेस टेस्ट जो ये परीक्षाएं आयोजित होने के बाद भी उनके परीक्षा फल नहीं निकल रहे हैं इसके विरोध में राजीव गांधी जी की मूर्ति से गांधी जी की मूर्ति तक “एकांगी पदयात्रा” कर अपना फिटनेस टेस्ट दूंगा। बेरोजगार, नौजवान दोस्तो तुम्हारा चचा, ताऊ, बड़ा भाई जो भी हूं, हरीश रावत इतना ही कर सकता है। मैं जैसे ही स्वस्थ होता हूं राजीव गांधी जी की मूर्ति से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की मूर्ति तक #एकांगी_पदयात्रा करूंगा।