कॉर्बेट प्रशासन आबादी वाले क्षेत्रों में हाथियों के आतंक से निजात दिलाने की दिशा में प्रयास कर रहा है। इसके लिए कॉर्बेट प्रशासन रणनीति तैयार कर रहा है। कॉर्बेट प्रशासन अब विदेशी तर्ज पर बायो फेंसिंग के जरिए हाथियों को आबादी क्षेत्रों में आने से रोकने का प्रयास करेगा। बता दें, पिछले दो वर्षों में हाथियों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों के साथ ही हाथियों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। 2014-15 में की गई गणना में 1035 हाथी रिकॉर्ड हुए थे। 2020 की गणना में यह बढ़कर 1200 से ज्यादा हो गई। हाथियों की संख्या बढ़ने के साथ ही कॉर्बेट के क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचाने के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। दौरामानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन रणनीति तैयार कर रहा है। अब कॉर्बेट प्रशासन विदेशी तर्ज पर ही हाथियों को आबादी क्षेत्रों में आने से रोकने के लिए बायो फेंसिंग प्लान तैयार करने की सोच रहा है। सीटीआर निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि बायोफेंसिंग के नतीजे बहुत ही लाभदायक हैं। उन्होंने कहा जल्द ही इसका एक प्रयोग कॉर्बेट पार्क में किया जाएगा।