उत्तराखंड में बड़ी संख्या में ऐसी सड़कें हैं जो लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाती हैं लेकिन कुछ ही वक्त में वह सड़कें गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं. खासतौर पर जब मानसून की बात करें तो मानसून के दौरान प्रदेश भर की सड़कें या तो टूट जाती है या फिर सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे पड़ जाते हैं, और इसी को देखते हुए अब लोक निर्माण विभाग द्वारा समस्त जिलों में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाए, साथ ही उन्होंने कहा है कि ढिलाई बरतने वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जाए।
वहीं 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक चरणबद्ध तरीके से प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का एक अभियान भी चलाया गया था और इसके लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था भी की गई, लेकिन इस बीच प्रदेश में 17 अट्ठारह 19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश के बाद अभियान रुक गया और आपदा की आड़ में जिलों में संतोषजनक कार्य भी नहीं किए गए. जहां आपदा का असर नहीं था वहां भी स्थिति सामान्य नहीं थी और सड़कों में भारी गड्ढे अभी भी मौजूद हैं.
लेकिन मानसून पूरी तरह से जा चुका है, और स्थिति सामान्य है. लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने भी आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन देखना होगा कि लोक निर्माण विभाग क्या सड़कों को जल्द ही दुरुस्त कर देगा और सड़के अगर सही हो भी गई तो वह कितने समय तक टिकेगी क्योंकि आमतौर पर जो भी सड़क लोक निर्माण विभाग बनाता है उन सड़कों की अवधि ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 साल की रहती है।