
चारधाम यात्रा का आगाज़ हो चुका है, और चारधाम यात्रा में देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं साथ ही उम्मीद है कि इस साल तीर्थ यात्रियों की संख्या पिछले सभी सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ देगी।
वहीं श्रद्धालु देशभर से तो आते ही हैं लेकिन कई श्रद्धालु ऐसे भी होते हैं जो कि विदेशों से आते हैं और जब वह चारधाम यात्रा के लिए आते हैं तो उनके सामने एक बड़ा चैलेंज खड़ा हो जाता है। वो चैलेंज होता है भाषा का। क्योंकि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात से ऐसे कई श्रद्धालु आते हैं जिनको हिंदी भाषा नहीं आती है साथ ही उन्हें स्थानीय भाषाओं का भी ज्ञान नहीं होता है।ऐसे में उनके सामने एडवाइजरी जो कि सरकार द्वारा जारी की गई है उसको लेकर जानकारी एकत्रित करना आसान नहीं होता, और इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में अब देश की लगभग सभी भाषाओं में एडवाइजरी जारी कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग ने हिंदी और अंग्रेज़ी समेत 8 अन्य भाषाओं में ‘मल्टी लिंगुअल एडवाइज़री’ यानी बहुभाषी परामर्श जारी किए हैं ताकि चारधाम में आने वाले सभी तीर्थ यात्री अपनी लोकल भाषा में ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एसओपी के बारे में सही से जान लें।

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने इस मल्टी लिंगुअल एडवाइज़री’ के बारे में मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि हिंदी और अंग्रेज़ी में पहले ही हेल्थ एडवाइजरी के लिए एसओपी जारी कर दी गई थी चूंकि चारधाम यात्रा में देश-विदेश और अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु आते हैं ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइन पढ़ने और समझने में किसी को दिक्कत ना हो इसलिए हिंदी अंग्रेजी के अलावा मलयालम, कन्नड़, तेलगु , गुजराती जैसी 8 अन्य भाषाओं में भी हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है।


