उत्तराखण्ड के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को क्या कोई समझा सकता है कि यदि आप आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को शैक्षिक अहर्ता में 5% अंको की छूट दे कर उनसे बीएड तथा टीईटी करवा रहे हो तो नौकरी तथा नियुक्ति के समय आरक्षित वर्ग को शैक्षिक अहर्ता में मिलने वाली छूट को उनसे कैसे छीन सकते हो ।
29 जुलाई 2011 से पूर्व जिन अभ्यर्थियों ने बीएड जिस मानक से किया है वो नियुक्ति के समय भी लागू रहेगा जिसके लिए समय समय पर भारत सरकार NCTE तथा माननीय न्यायालय द्वारा आदेश भी किया जा चुका है जिसमे 13 नवंबर 2019 को जारी भारत सरकार का राजपत्र , NCTE का CTET नोटिफिकेशन 2020 ,माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड की संयुक्त पीठ का बलदेव सिंह तथा अन्य की याचिका में पारित निर्णय तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नीरज कुमार राय तथा अन्य की याचिका में पारित निर्णय प्रमुख है मगर उत्तराखण्ड शासन तथा प्रशासन भारत सरकार के राजपत्र तथा माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहा है जो गलत है



