उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है, क्योंकि आरक्षण रोस्टर की प्रक्रिया नियमों के अनुसार नहीं अपनाई गई है। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।
क्या है मामला?
बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने नई नियमावली बनाकर पहले से लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित कर दिया, जिससे कुछ सीटें जो पहले ही तीन बार आरक्षित थीं, वे चौथी बार भी आरक्षित कर दी गईं। इससे आम जनता को पंचायत चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिल रहा है।
चुनाव कार्यक्रम
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव दो चरणों में होने थे ¹:
– पहले चरण में 10 जुलाई और दूसरे चरण में 15 जुलाई को मतदान होना था।
– 19 जुलाई को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाने थे।
अब आगे क्या?
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार को आरक्षण रोस्टर की प्रक्रिया को फिर से शुरू करना होगा और नियमों के अनुसार इसे लागू करना होगा। इसके बाद ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।