
रामनगर से राजीव अग्रवाल
आपने “स्यानी बिल्ली खंबा नोचे” कहावत तो जरूर सुनी होगी और इसका मतलब भी आप अच्छे से जानते ही होंगे। इन दिनों रामनगर में कुछ ऐसा ही करने का वन निगम पर आरोप लग रहा है, और स्थिति इतनी बिगड़ गई है की वन विभाग तराई पश्चिमी ने वन निगम पर कार्रवाई कर दी है। वन विभाग की कार्यवाही के बाद वन निगम बुरी तरह बौखलाया हुआ है। वन विभाग के अधिकारियो को नियम का पाठ पढ़ाता हुआ दिखाई दे रहा है , क्या है पूरा मामला देखिए खास रिपोर्ट

वन विभाग और वन निगम की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही है लगातार वन निगम के अधिकारी वन विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न व गलत तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल मामला पेड़ों के अवैध कटाव से जुड़ा हुआ है, वन विभाग ने वन निगम को यूकेलिप्टस काटने की परमिशन दी थी इसी परमिशन के बीच माफियाओं ने चोरी छुपे जंगल से पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। वहीं जिसकी सूचना मिलते ही डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने ऐसे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई तो की ही, साथ ही माफियाओं के साथ साठ गांठ और सरकार को राजस्व का चूना लगाने एवं अपने फर्ज के प्रति लापरवाही बरतने को लेकर वन निगम के खिलाफ भी करीब 27 लाख रुपए पीडी (जुर्माना ) डाला दिया। जिसके बाद निगम बुरी तरह बौखलाया हुआ दिखाई दे रहा है। वन निगम के अधिकारी अपने ऊपर लगाई गई पीडी को गलत बता रहे है, वन निगम के अधिकारियों का कहना है कि ना तो निरीक्षण हुआ ना ही आख्या हुई, ना ही पक्षों को सुना गया है। वहीं आनन – फानन में पीडी निकालना वन निगम को प्रताड़ित करना है हमें यह पीडी स्वीकार नही है।
दूसरी और तराई पश्चिमी डिवीजन वन विभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमारे द्वारा किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया जा रहा जो वन संहिता है उसी के अकॉर्डिंग कार्यवाही की जा रही है। वन निगम का जहां कटान किया जाता है उसके आसपास की जिम्मेदारी वन निगम की ही होती है। उन्होंने कहा कि उसके आसपास भी पेड़ काटे गए है, जो पीडी हमने आरोपित की है उसका जवाब वन निगम ने देना है और हमारे द्वारा उनका जवाब उच्चाधिकारी माननीय वन संरक्षक को भेज दिया गया है।