
दुनिया में साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती बनकर उभर चुका है। हर दिन लाखों करोड़ों रुपए साइबर क्राइम के जरिए लोगों के अकाउंट से गायब हो जाते हैं, इसके साथ ही साइबर क्राइम की वजह से हर साल कई लोग आत्महत्या भी कर देते हैं। किसी का फोन का पर्सनल डाटा लीक हो जाता है, तो किसी के लिए उनका कंप्यूटर परेशानी का सबब बन जाता है। और दुनियां भर में यह परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। वहीं साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों को दर्शाती बहुप्रतीक्षित पुस्तक “साइबर एनकाउंटर्स” का हिन्दी संस्करण आज लांच किया गया। उत्तराखंड के डीजीपी एवं ओ0पी0 मनोचा, पूर्व वैज्ञानिक DRDO ने मिलकर इस किताब को लिखा है। इस किताब का विमोचन सेंट जोसेफ अकादमी सभागार, देहरादून में आयोजित किया गया जहां पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे साथ ही उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल भी अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए डॉ. अलकनंदा अशोक, शक्ति मनोचा और डॉ0 पीयूष कुमार द्वारा सम्मान के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सहित समस्त सम्मानित अतिथियों को पौधे भेंट किए। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। तत्पश्चात सेंट जोसेफ अकादमी के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई। इस दौरान पुस्तक के शॉर्ट वीडियो प्रोमो ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ पीयूष कुमार के आकर्षक स्वागत भाषण के साथ ही पुस्तक के सह-लेखक ओ0पी मनोचा ने साइबर एनकाउंटर्स पुस्तक के उद्देश्य और दायरे के बारे में बताया, साथ ही पाठकों को साइबर खतरों को समझने और मुकाबला करने में इस पुस्तक की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। दून विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो0 सुरेखा डंगवाल ने बताया कि आज के युग में किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे कीमती चीज उसका डेटा है । उन्होंने कहा कि समाज व पुलिस को साथ मिलकर सजग रहकर इस दिशा में कार्य करना है ताकि आमजन साईबर फ्रॉड से बच सकें । इसके अतिरिक्त उन्होंने साईबर अपराध की रोकने हेतु डिजीटली स्मार्ट युवाओं की आवश्यकता बतायी ।

किताब के लेखक अशोक कुमार द्वारा बताया कि तेजी से बदलती टेक्नॉलाजी के कारण पूरा जीवन आनलाइन हो गया है और कोविड-19 के कारण जीवन के हर सेगामेंट में तकनीक का दायरा भी बढ़ा गया है । साईबर अपराधियों का हजारों मील दूर होना, डिजीटल फुटप्रिन्ट का न होना मुख्य चुनौतियां बनकर सामने आयी है । इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आम अपराधों की तुलना में साईबर क्राइम का ग्रॉफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है । उन्होंने कहा कि साईबर टिप्स के माध्यम से साईबर अपराधियों का डिजीटल एनकाउंटर्स कर साईबर अपराधों को रोका जा सकता है ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक गागर में सागर भरने का कार्य कर रही है । आज के दौर में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध के परिदृश्य में यह पुस्तक काफी प्रासंगिक है। साइबर क्राइम आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस चुनौती के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना इस पुस्तक की प्रासंगिकता को और बढ़ा देता है। उत्तराखण्ड पुलिस साइबर क्राइम से निपटने में बहुत अच्छा काम कर रही है और देश के कोने कोने से साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है ,यह पुस्तक साइबर क्राइम से संबंधित जागरूकता संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगी। समापन से पूर्व पुस्तक के लेखकों के साथ एक विशेष हस्ताक्षर सत्र हुआ, जिसमें लम्बी-लम्बी लाइन लगी थी। इसी क्रम में क्रार्यक्रम को आगे बढाते हुए युवाओं व लेखकों के बीच संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें युवाओं के द्वारा आनलाइन गेमिंग, फेसबुक पर कम उम्र के बच्चों द्वारा प्रोफाइल बनाने, ब्रेन वास से सम्बन्धित सवाल किये गये । साथ ही युवाओं के द्वारा साईबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस का सहयोगी बनने का सुझाव दिया गया । इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक में साईबर एजुकेशन को शामिल करने का सुझाव दिया गया ।
