
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था कैसी है ये किसी से छिपी नही है, और जब बात पहाड़ में स्थित सरकार स्वास्थ्य केंद्रों की करें तो फिर तो ज्यादातर खुद वेंटिलेटर में हैं. और एक ऐसे ही अस्पताल में एक युवती ने प्रसव के बाद अपनी जान गंवा दी. मामला उत्तरकाशी का है.
बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी जिला अस्पताल में आशा पत्नी प्रवीण नौटियाल निवासी चमारौली गांव,ब्रहखाल प्रसव के लिए आए थे. रविवार को देर रात युवती का प्रसव हुआ जिस वक्त प्रसव हुआ उस समय जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे. और घर में खुशी का माहौल था. लेकिन कुछ घंटो बाद आशा के पेट में दर्द होने लगा और वहां उपस्थित डॉक्टर ने किसी वजह से बच्चेदानी निकालने की सलाह दी. जिसके बाद ऑपरेशन किया गया, वहीं दूसरी तरफ युवती का पती प्रवीण को डॉक्टर ने किसी दवाई को लाने के लिए कहा किंतु जैसी हकिकत उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की है, वहीं प्रवीण के साथ भी हुआ पति दवा के लिए भटकता रहा लेकिन जब तक दवा मिलती युवती की मौत हो गई.
सिर्फ 22 साल की आशा की मौत के बाद हर तरफ दुख का माहौल है, वहीं इस मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह अस्पताल की घेराव किया और जांच की मांग की साथ ही कार्रवाई की मांग भी की.
हम यहां पर किसी को दोषी साबित नही कर रहे हैं, और जब तक जांच नही हो जाती तब तक किसी भी व्यक्ति को दोषी ठहराया भी नही जा सकता