
प्रदेश के धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने एक प्रेस विज्ञप्ति में एक बहुत बड़ी बात कही है, उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में पिछले 2 दिनों में मानसून ने जो कहर बरपाया उसमें कई सारे पर्यटक अलग-अलग स्थानों में फंस गए, उन्हीं में से कई यात्री सड़क बंद होने के कारण केदारनाथ में फंस गए हैं। इस दौरान जो यात्री वहां पर फंसे उनसे रेस्टोरेंट्स संचालकों ने ₹50 की थाली ₹500 में वसूली। जिसके बाद सतपाल महाराज ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि
लेकिन सवाल खड़ा होता है कि सिर्फ चालान काट लेने से ही क्या पटरी से उतर चुकी व्यवस्था सही हो जाएगी, सबसे बड़ा सवाल पर्यटन पर निर्भर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों से पूछा जाना चाहिए कि आप 6 महीने जिन पर्यटकों को के भरोसे बैठे रहते हैं जिन श्रद्धालुओं के भरोसे आपका घर चलता है उनको ही लूट कर आप क्या कमा लोगे।जब हम इस साल की यात्रा की बात करते हैं तो यात्रा बमुश्किल कुछ वक्त चली इस दौरान आपने हाय तौबा मचा दी, मचानी भी चाहिए थी क्योंकि यात्रा ही आपके जीवन पालन का एक जरिया है लेकिन आपने सिर्फ 2 दिन की मुश्किल में ही श्रद्धालुओं को उन पर्यटकों को लूटना शुरू कर दिया जिनसे आपकी आजीविका चलती है यह कितना सही है?
दूसरी तरफ खुद पर्यटन पर ही निर्भर इन व्यवसाय करने वाले लोगों को ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करना चाहिए जिन्होंने यह अपराध किया है ताकि आगे से एक कड़ा संदेश ऐसे लोगों के बीच में जा सके जो कि दूसरों की मजबूरी को अपना फायदा बना लेते हैं।