
एक ओर उत्तराखंड में शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण हेतु डीएलएड प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया जिसमें लगभग 630 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई
तथा एक ओर उत्तराखंड डायट से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके डीएलएड प्रशिक्षुओं का चौथा बैच प्राथमिक शिक्षक भर्ती द्वितीय चरण को लेकर 3 माह से दर दर भटक रहे हैं कभी शिक्षा निदेशालय तो कभी शिक्षा मंत्री महोदय से मिलने ।
डीएलएड प्रवेश परीक्षा परिणाम के बाद अधिकांश अभ्यर्थी पूर्व में नियुक्ति पा चुके बाहरी प्रदेशों से डीएलएड डिप्लोमा पास करने वाले अध्यापकों की राह को सबसे आसान बता रहे हैं । उत्तराखंड में अभी तक कोई भी निजी प्रशिक्षण संस्थान/डायट ना होने के कारण यहां के अभ्यर्थी बाहरी प्रदेशों के निजी प्रशिक्षण संस्थानों से बिना किसी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण किए डीएलएड कोर्स कर रहे हैं । बाहरी प्रदेशों से डीएलएड डिप्लोमा करने में फीस से वहीं के राज्य सरकार और संस्थानों को लाभ अर्जित हो रहा है उत्तराखंड सरकार और संस्थान को कुछ भी नहीं।
अब यह मुद्दा सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण भरा है कि किस प्रकार सरकार और शिक्षा विभाग उत्तराखंड के 13 प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान डायट से डीएलएड प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सिद्ध करने में सक्षम हो पाती है तथा इसके लिए प्राथमिकता जैसी कोई ठोस नीति बनाने में सक्षम हो पाती या नहीं।