
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए अब ज्यादा वक्त नही बचा है, कुछ ही वक्त में आचार संहिता लग जायेगी और उसके साथ ही चुनाव की तारीखों की घोषणा भी हो जायेगी वहीं ऐसा पहला मौका है जब प्रदेश के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के साथ साथ एक और दल अपना दमखम दिखा रहा है, और वो दल है आम आदमी पार्टी. इन दिनों आम आदमी पार्टी जोर शोर से प्रचार प्रसार में लगी हुई है. और खुद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ महीनों में ही उत्तराखंड के तीन दौरे कर चुके हैं और अब इन दौरों में उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए वादे भी किये हैं. जहां उनका एक बड़ा वायदा था 300 यूनिट तक फ्री बिजली देना तो उसके बाद उन्होंने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की और अब जब अरविंद केजरीवाल तीसरी बार उत्तराखंड आये तो उन्होंने यहां के युवाओं के लिए रोजगार की बात कही है. उन्होंने कहा की हम बड़ी संख्या में हमारी सरकार आने में रोजगार देंगे. और जब तक रोजगार ना दे सके तब तक बेरोजगारी भत्ता देंगे.आम आदमी पार्टी की इन घोषणाओं पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. और दोनों ही इन्हें चुनावी घोषणा बता रहे हैं. वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आम आदमी पार्टी की घोषणाओं पर सोशल मीडिया के माध्यम से निशाना साधा है. हरीश रावत ने एक पोस्ट लिखते हुए आम से सवाल किया है की
“1 साल में एक लाख नौकरी देने का! सवाल है साढ़े 7 साल #दिल्ली में सरकार चलाते हो गये हैं। साढ़े 7 साल में केवल 6 हजार से कुछ ज्यादा पदों पर सरकारी नौकरियां निकाली व भर्तियां की हैं।

हरीश रावत ने पहले भी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था की आम उत्तराखंड में ऐसे ही आई है जैसे दिल्ली के लोग सीपी में घूमने जाते हैं. घूमते फिरते हैं फिर घर चले जाते हैं. वहीं हरीश रावत पिछले कुछ समय में कई बार आम पर निशाना साध चुके हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी हरीश रावत पर पलटवार करने में देर नही करती और उनके नेता लगातार ये दावा करते रहते हैं की कांग्रेस हमारी उपस्थिती से पूरी तरह से घबरा रखी है.