देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। धामी सरकार लगातार कर्मचारियों के हितों के प्रति गंभीर रही है, और उसी क्रम में सातवें पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन आहरित कर रहे सार्वजनिक निकायों, उपक्रमों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के अधिकारियों–कर्मचारियों के लिए DA को 55% से बढ़ाकर 58% किए जाने का निर्णय लिया गया है। नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी।
औद्योगिक विकास अनुभाग-2 द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि यह बढ़ोतरी राज्य कर्मकारों, सहायताप्राप्त शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाओं, नगर निकायों, स्थानीय निकायों तथा पूर्णकालिक व अंशकालिक कर्मचारियों पर भी लागू होगी। यह निर्णय केंद्र सरकार की संशोधित दरों के अनुरूप लिया गया है।
जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता केवल उन्हीं सार्वजनिक निकायों/उपक्रमों/संस्थाओं में लागू होगा, जिनकी वित्तीय और आंतरिक संसाधन क्षमता अतिरिक्त व्यय वहन करने में सक्षम हो। सरकार के इस कदम से राज्य के हजारों कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रकाश रानकोटी का बयान
राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रकाश रानकोटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों के हितों के प्रति संवेदनशील रही है और इस फैसले से हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलेगा। बढ़ती महंगाई के दौर में यह बढ़ोतरी कर्मचारियों को मजबूत संबल प्रदान करेगी। रानकोटी ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सरकार कर्मचारी हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर इसी प्रकार सकारात्मक निर्णय लेती रहेगी।
*प्रदेश महामंत्री नंदलाल जोशी का बयान*
राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री नंदलाल जोशी ने कहा DA वृद्धि के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम कर्मचारियों के लंबे समय से उठाए जा रहे मांगों को सम्मान देने जैसा है। उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है, ऐसे समय में भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि कर्मचारियों की आर्थिक चिंताओं को कम करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए कहा कि सरकार ने हमेशा कर्मचारियों की आवाज सुनी है और यह निर्णय उसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। महासंघ ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अन्य लंबित मामलों पर भी सकारात्मक कार्रवाई होगी।
