
उत्तराखंड के पंचायत चुनाव परिणामों ने कई बड़े संकेत दिए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए ये परिणाम मिश्रित संदेश लेकर आए हैं। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी के बड़े नेताओं को झटके भी लगे हैं और जनता ने छोटी सरकार कही जाने वाले पंचायत चुनाव में बीजेपी के बड़े नेताओं के अपनो को हरा दिया है।
अभी हालत ये है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जीत का जश्न मना रहे हैं, पर अब जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण भी तय हो गया है, जिसमें बवाल भी शुरू हो गया है। वहीं बीजेपी के ऐसे बड़े नेता जो अपने ही रिश्तेदारों को नहीं जीता सके उनकी लिस्ट लम्बी है।
भाजपा के लिए झटका
– भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के परिवार के सदस्य चुनाव हार गए, जिनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी भी शामिल हैं।
– भाजपा विधायक दलीप रावत की पत्नी नीतू रावत और भाभी बीना रावत भी चुनाव हार गईं।
– इसके अलावा, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अल्मोड़ा के संतोष कुमार राम और उनकी पत्नी पूजा देवी भी चुनाव हार गए।
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कर दिया खेल
– कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह और शूरवीर सिंह सजवाण अपने पुत्रों को जिला पंचायत का चुनाव जिताने में सफल रहे।
– कांग्रेस ने भाजपा के कई बड़े नेताओं की हार का दावा किया है, जिसे वह अपनी जीत के रूप में देख रही है।
– हरीश रावत के खास ओर NSUI के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह ने भी जीत हासिल की है, इस जीत को हरीश रावत की जीत माना जा रहा है
परिवारवाद का मुद्दा
– परिवारवाद के खिलाफ गुस्सा भाजपा के खिलाफ अधिक देखा गया है, जो पार्टी के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
– हालांकि, भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान अपनी पत्नी मधु चौहान को जिला पंचायत का चुनाव जिताने में सफल रहे।