
चार दिवसीय उत्तराखंड श्री अन्न महोत्सव के समापन अवसर पर आज केंद्रीय कृषि नरेंद्र कुमार तोमर मोजूद रहे । केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने इस दौरान राज्य की जनता को आश्वासन दिया कि राज्य में मोटे अनाज के लिए जो भी केंद्र से मदद की आवश्कता होगी … उसको देने का काम किया जाएगा ताकि उत्तराखंड के इस मोटे अनाज को विश्व के पटल पर नई पहचान मिल सके। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब भी मोटे अनाज की बात कही है.. तो उसको उत्साहित करने के लिए राज्यों को हर संभव प्रयास करने के लिए भी कहा गया है ताकि बढ़ती आबादी के पोषण की पूर्ति हो सकें ।

पतंजलि योगपीठ के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने भी कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर आज देश के सभी राज्यों में मोटे अनाज को लेकर काम किया जा रहा है और उसे ठंड राज्य में भी इस मोटे अनाज को लेकर धामी सरकार ने बेहतर काम किया है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मोटे अनाज के जरिए जहां पोषक तत्व सभी को मिल पाएंगे … वहीं कई बीमारियों से भी लड़ने की क्षमता बढ़ेगी ।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा श्री अन्न उत्तराखंड की परंपरागत खेती में है। श्री अन्न स्वास्थ्य की दृष्टि से इतना लाभदायक है कि जो कभी गरीबों का खाद्यान्न हुआ करता था, आज अमीरों की थाली में शामिल हो गया है। जोशी ने कहा श्री अन्न के प्रोत्साहन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में स्टेट मिलेट मिशन के अंतर्गत 73 करोड़ रूपए की बजट में प्रावधान किया गया है। कृषि मंत्री ने मडुंवा, झिंगौरा जैसी फसलों को पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा देकर कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भी विभाग के संकल्प को दोहराया।उन्होंने नया नारा देते हुए कहा कि कौंदा-झिंगौरा खाऐंगे, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाऐंगे।
इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सचिव कृषि बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, निदेशक कृषि गौरीशंकर, अपर निदेशक केसी पाठक, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, जैविक उत्पाद परिषद के एमडी विनय कुमार सहित कई अन्य अधिकारी एवं प्रदेश के सभी जनपदों से आये हुए कृषक भाई-बहन उपस्थित रहे।

