
एक वक्त था जब उत्तराखंड में कहा जाता था कि यहां का युवा भारतीय सेना के साथ-साथ देश और विदेशों में भारतीय पकवान को भी एक अलग पहचान देता है। और इस बात का लोहा हर कोई मानता है कि उत्तराखंड के युवा देश की रक्षा में अपना जी जान लगा देते हैं साथ ही आज दुनिया भर के बड़े से बड़े होटलों में उत्तराखंड के युवा सैफ के रूप में काम कर रहे हैं और अपने बनाए गए पकवानों से लोगों का मन मोह रहे हैं।
वहीं पिछले कुछ सालों में अब उत्तराखंड के युवाओं का ट्रेंड अन्य क्षेत्रों में भी बहुत तेजी से बढ़ा है। आज फिल्म जगत से लेकर बॉडीबिल्डिंग तक के क्षेत्र में प्रदेश के युवा उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे और आज हम बात कर रहे हैं कि ऐसे ही युवा आशीष की, आशीष जो कि कोटद्वार के रहने वाले हैं और देहरादून में आकर बॉडीबिल्डिंग कर रहे हैं साथ ही आशीष रौतेला एक जिम ट्रेनर के रूप में काम करते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें बड़ी बात क्या है, प्रदेश में कई युवा है जो देहरादून में आकर जिम ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं। लेकिन आशीष की कहानी कुछ अलग है।
आशीष ने आज इंटरनेशनल लेवल पर उत्तराखंड का नाम ही नहीं भारत का नाम भी रोशन किया है। अभी तक आशीष दो इंटरनेशनल कंपटीशन में भाग ले चुके हैं जिसने एशिया चैंपियनशिप और साउथ एशिया चैंपियनशिप शामिल है।
आशीष बताते हैं कि मैंने पिछले एक से डेढ़ साल ही बॉडीबिल्डिंग की प्रैक्टिस की है वही सबसे पहले मैंने एशिया चैंपियनशिप में भाग लिया इस चैंपियनशिप में जब मैंने भाग लिया तो मुझे कोई भी रैंक हासिल नहीं हुई, जिसके बाद मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने सोचा कि मैं अपने आपको आने वाले कंपटीशन के लिए और ज्यादा तैयार करूंगा और उसके बाद आशीष दिन रात मेहनत में जुट गए इसके बाद गोवा में साउथ एशिया चैंपियनशिप का ट्रायल हुआ और उस ट्रायल में मैं सलेक्ट हो गया।

आशीष बताते हैं कि जब मैंने सबसे पहले कंपटीशन में भाग लिया था और जिस में मुझे कोई भी रैंक हासिल नहीं हुआ उस समय मैंने कैटेगरी भी गलत चुनी थी उस वक्त जो कैटेगरी मैंने सुनी थी वह थी स्पोर्ट्स फिजिकल कैटेगरी। जबकि साउथ एशिया चैंपियनशिप में मैंने बॉडीबिल्डिंग कैटेगरी सिलेक्ट की। मैं पहली बार बॉडीबिल्डिंग खेल रहा था। और पहली बार में ही मैंने 70kg category चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया और जिसमें मुझे गोल्ड मेडल मिला।
आशीष ने आगे बताया कि मुझे बचपन से ही बॉडीबिल्डिंग का शौक था मैं बचपन से ही कोशिश करता था कि अपनी फिजिक को अच्छा बना कर रखो वही पिछले 7 साल से मैं बॉडीबिल्डिंग कर रहा हूं लेकिन एक प्रोफेशनल के तौर पर मैंने बॉडीबिल्डिंग को पिछले 1 साल में ही करना शुरू किया है।