
उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से रोडवेज को परेशानियों को लेकर सड़क में दौड़ रही है वही जब हम रोडवेज की बसों की बात करते हैं, खासतौर पर उन बसों की जो कि पहाड़ी क्षेत्रों की तरह जाती हैं तो उनके हालत बहुत ही ज्यादा खराब है। और इस समय एक ऐसी ही बस जो देहरादून से पिथौरागढ़ (UK07PA 2994) की तरफ जा रही है… उस बस में कई सवारी बैठे हुए हैं बावजूद उसके बस बहुत ज्यादा हिट हो रही है…
जब बस की हिटिंग को लेकर कंडक्टर और ड्राइवर से बात की तो उन्होंने बताया कि बस का टर्बो खराब हो गया है… और इसी टर्बो को लेकर उन्हें देहरादून से पिथौरागढ़ तक जाना है… जब उनसे पूछा गया कि कैसे इसको लेकर जा सकते हैं वो भी तब जब गाड़ी बहुत ज्यादा धुआं छोड़ रही है… क्या देहरादून में परिवहन विभाग वर्कशॉप में आपने इसको ठीक नहीं करवाया। तो उन्होंने कहा कि हमने उनसे बात तो की लेकिन उन्होंने कहा कि हमारे पास टर्बो नहीं है…

वही पिथौरागढ़ को जाने वाले 20 सवारी बस में मौजूद हैं। सवाल खड़ा होता है कि अगर यह बस बीच में ही खराब हो गई तो इन 20 सवारियों की जिम्मेदारी कौन लेगा। जिस तरह से बस बहुत ज्यादा धुआं छोड़ रही है और बस में कुछ सादा प्रॉब्लम आ गई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। जब गाड़ी का टर्बो ही खराब है तो इतने लंबे सफर में गाड़ी को चलाने की परमिशन आपको किस तरह से दी गई।
ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड कि सड़कों में यह इकलौती बस है जो इस तरह से खराब होकर भी दौड़ रही है अगर विभाग जांच करवाए तो ऐसी कई बसें सामने आएंगे जिनकी स्थिति बहुत खराब है बावजूद इसके उनको पहाड़ों की तरह हर दिन जाना पड़ता है। परिवहन विभाग दावे बहुत ज्यादा करता है और लगातार कह रहा है कि नई बसों को उत्तराखंड में खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में जोड़ा जाएगा ऐसे में इस खराब बस का जवाबदेही किसकी होगी।

